कास्टिंग काउच क्या है?
कास्टिंग काउच एक ऐसा शब्द है, जो ग्लैमर की दुनिया के पीछे छिपे कड़वे सच को उजागर करता है। यह प्रथा न केवल बॉलीवुड, बल्कि हॉलीवुड और अन्य फिल्म इंडस्ट्रीज में भी लंबे समय से चर्चा में रही है।
जब हम कास्टिंग काउच की बात करते हैं, तो इसका मतलब होता है — किसी कलाकार को फिल्म या प्रोजेक्ट में भूमिका देने के बदले यौन संबंध या यौन एहसान की मांग करना। यह स्थिति विशेष रूप से तब उत्पन्न होती है जब कोई नया या महत्वाकांक्षी अभिनेता/अभिनेत्री इंडस्ट्री में प्रवेश करता है और काम पाने के लिए संघर्ष कर रहा होता है।
अक्सर कुछ प्रभावशाली निर्माता, निर्देशक या कास्टिंग डायरेक्टर अपनी “पावर पोजिशन” का दुरुपयोग करते हैं और कलाकारों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें इस तरह के प्रस्ताव देते हैं। यह सिर्फ अनैतिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक शोषण का भी एक गंभीर रूप है।

कई बार यह मांग खुलकर की जाती है, तो कई बार संकेतों, सौदेबाज़ी या “कोड वर्ड्स” के जरिए पेश की जाती है। कलाकारों को यह महसूस कराया जाता है कि यदि वे “समझौता” करेंगे तो उन्हें काम मिलेगा, वरना दरवाज़े बंद हैं।
हालांकि बीते कुछ वर्षों में कई साहसी अभिनेत्रियाँ और अभिनेता सामने आकर अपने अनुभव साझा कर चुके हैं, जिससे यह मुद्दा मुख्यधारा की बहस का हिस्सा बना है। #MeToo आंदोलन के तहत कई नामचीन चेहरों ने इंडस्ट्री की सच्चाई उजागर की।
आज के दौर में स्थिति धीरे-धीरे बदल रही है, और इंडस्ट्री में अधिक पारदर्शिता, प्रोफेशनलिज़्म और कलाकारों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ी है। लेकिन फिर भी, कास्टिंग काउच जैसी प्रथाओं को जड़ से खत्म करने के लिए न केवल कड़े नियम बल्कि मजबूत नैतिक दृष्टिकोण और सामूहिक आवाज़ की ज़रूरत है।
कास्टिंग काउच पर बोलना सिर्फ साहस की बात नहीं, बल्कि बदलाव की शुरुआत भी है।टेलीविजन से बॉलीवुड तक का सफर तय करने वाली प्राची देसाई ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री के एक बेहद संवेदनशील और कड़वे सच को उजागर किया। ज़ी टीवी के लोकप्रिय धारावाहिक ‘कसम से’ से घर-घर में मशहूर होने वाली प्राची ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि कैसे इंडस्ट्री में कदम रखने के शुरुआती दिनों में उन्हें भी कास्टिंग काउच जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा।
प्राची ने बताया कि उन्हें एक बड़ी फिल्म के लिए कास्ट किया जा रहा था। जब सब कुछ ठीक लग रहा था, तभी एक चौंकाने वाला मोड़ आया। फिल्म से जुड़े एक वरिष्ठ व्यक्ति ने उनसे कहा कि यदि वह कास्ट होना चाहती हैं, तो बदले में उन्हें “यौन संबंध” बनाने होंगे।
हालाँकि यह प्रस्ताव कई कलाकारों को मानसिक रूप से तोड़ सकता था, लेकिन प्राची ने अपने आत्मसम्मान और सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया। उन्होंने तुरंत उस ऑफर को ठुकरा दिया और बिना किसी हिचकिचाहट के उस प्रोजेक्ट से पीछे हट गईं।
दिलचस्प बात यह रही कि उनके इनकार के बावजूद, उस निर्देशक ने उन्हें दोबारा संपर्क किया — मानो वह उनके आत्मबल की परीक्षा ले रहा हो। मगर प्राची इस बार भी अपने फैसले पर अडिग रहीं। उन्होंने साफ कर दिया कि उनका शरीर, उनकी मंज़िल की सीढ़ी नहीं है और वह केवल अपनी प्रतिभा, मेहनत और ईमानदारी से ही किसी भी मुकाम तक पहुंचना चाहती हैं।
प्राची की यह स्वीकारोक्ति आज उन हजारों युवतियों के लिए प्रेरणा है, जो ग्लैमर की दुनिया में कदम रखने का सपना देखती हैं लेकिन डरती हैं कि कहीं उन्हें भी इसी तरह के समझौतों का सामना न करना पड़े।
उन्होंने यह भी कहा कि इंडस्ट्री में अब चीजें बेहतर हो रही हैं, लेकिन बदलाव की गति धीमी है। ऐसे अनुभव साझा करना ज़रूरी है ताकि सिस्टम में पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों बढ़ें।
प्राची देसाई की यह कहानी बताती है कि सच बोलने का साहस और आत्मसम्मान से जीने की ताकत ही किसी कलाकार की असली पहचान होती है — और सफलता, भले देर से मिले, पर वो टिकाऊ होती है।
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